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महात्मा गाँधी को किसने मारा?
मोहनदास करमचंद गाँधी मात्र के नाम नहीं बल्कि एकता, अहिंसा एवं स्वाभिमान की विचारधारा का प्रतिक है, इसीलिए इन्हें गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर ने महात्मा एवं सुभाषचन्द्र बोस ने राष्ट्रपिता की उपाधि से सम्मानित किया. ये एक विडंबना ही है की अहिंसा के पुजारी एवं प्रचारक महात्मा गाँधी की नृशंस हत्या गाँधी-बुद्ध के देश में भारत […]
कुख्यात नाज़ी नस्लवादी चार्ल्स मैनसन की राह पर भाजपा?
सबसे पहले, कौन था ये चार्ल्स मैनसन? तस्वीर से ही स्पष्ट है, चार्ल्स मैनसन एक निओ-नाज़ी था… कुछ दिन पूर्व इसकी कैलिफ़ोर्निया की एक जेल में ८३ वर्ष की उम्र में मौत हुई. नस्लवादी मैनसन ने के दशक में भय और असुरक्षा की कहानियां सुना कर मैनसन फॅमिली की स्थापना की, इसने एक विचारधारा को […]
संचारक्रांति के जनक,आदर्श राजनेता: राजीव गांधी
भारत के सबसे युवा प्रधा नमंत्री भारत रत्न राजीव गांधी की आज ही के दिन हत्या कर दी गयी थी. भारत में संचार क्रांति के जनक राजीव जी को समर्पित ये ब्लॉग लोकसभा सदस्य व प्रभावी राजनेता फिरोज गांधी, एवं आयरन लेडी के नाम से जाने वाली भारत की तीसरी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रथम […]
गाँधी को किसने मारा ….
मोहनदास करमचंद गाँधी मात्र एक नाम नहीं बल्कि एकता, अहिंसा एवं स्वाभिमान की विचारधारा का प्रतिक है, इसीलिए इन्हें गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर ने महात्मा एवं नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ने राष्ट्रपिता की उपाधि से सम्मानित किया. ये एकविडंबना ही है की अहिंसा के पुजारी एवं प्रचारक महात्मा गाँधी की नृशंस हत्या गाँधी-बुद्ध के देश में भारत […]
Gujarat before Narendra Modi
Many claims have been made about “Miracles” in Gujarat under during Mr. Narendra Modi era as chief minister. These claims give an expression that Gujarat was a “Bimaru” state before 2002 when Mr. Modi took over as chief minister of the state. I did some research and I found lot interesting facts, that I am […]
चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह
चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था, जिसका कार्य है भारत के जनतंत्र की रक्षा करना एवं यह सुनिश्चित करना की चुनाव निष्पक्ष हों, मगर जब चुनाव की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिंह लगे तो चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर प्रश्नचिंह लगना तो नुमायाँ है. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन अर्थात ईवीएम की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह तो समय समय पर लगते ही […]
आदित्यनाथ का चयन १४ करोड़ मतदाताओं का अपमान?
प्रजातंत्र में मतदान के पवित्र पर्व के माध्यम से मतदाता स्वयं के लिए प्रतिनिधि का चयन करते हैं, ऐसा प्रतिनिधि जो उनके हितों को सरकार में सुरक्षित रखे. उत्तर प्रदेश के के ६०% से अधिक मतदाताओं ने अपने ४०३ प्रतिनिधियों का चुनाव किया और भारतीय जनता पार्टी के ३१२ प्रत्याक्षी विधानसभा में पहुचाये. मतदाताओं में […]
मध्य प्रदेश में विकास का सच
२ विफल मुख्यमंत्रीयों के पश्चात २००५ में जब मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया तब मध्य प्रदेश में आशा की एक की किरण जागी थी.जनमानस को विकास कीआशा थी, युवाओं को रोजगार आशा थी, परिवारों को सुरक्षा की आशा थी. आशा थी की मध्य प्रदेश का कर्ज कुछ […]
कांग्रेस का सिमटता दायरा
दो राजनितिक दल जो को भारतीय राजनितिक के धरातल पर आज विराजमान हैं, एक है ऐतिहासिक दल भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस और दूसरा भारतीय जनता पार्टी जो की ४० से कम वर्ष पुरानी है, जहाँ कांग्रेस सिमटती जा रही है वहीँ भाजपा बढती जा रही है. देश के काफी लोगों को ६० साल से अधिक भारत […]