राहुल गांधी – कांग्रेस के लिए अभिशाप या वरदान?

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आज का सवाल: भारत की सबसे पुराने राजनैतिक दल भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के शीर्ष नेत्रित्व एवं सबसे पुराने राजनैतिक परिवार गांधी-नेहरु परिवार के वंशज राहुल गांधी, क्या वे कांग्रेस के लिए वरदान हैं या अभिशाप?

पहले राहुल गांधी का संक्षिप्त परिचय, राहुल गांधी भारत के पहले प्रधानमंत्री एवं वर्तमान भारत के संस्थापक पंडित जवाहर लाल नेहरु के प्रपौत्र, भारत की एक मात्र महिला प्रधानमंत्री. आयरन लेडी के नाम से विख्यात इंदिरा गाँधी के पौत्र, भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री, भारत को तकनीकी क्षेत्र में विश्व में आयाम देने वाले राजीव गांधी हैं. २४ वर्ष की आयु में आतंकवादियों द्वारा दादी इंदिरा गांधी एवं ३१ वर्ष की आयु में पिता की आतंकवादियों द्वारा हत्या किये जाने के पश्चात, राहुल गांधी को सुरक्षा कारणों से अपनी पहचान गुप्त रख छद्म नाम से शिक्षा पूर्ण करने पर विवश होना पड़ा.

पिता के समान ही वर्षों तक राजनैतिक सुर्ख़ियों से दूर रहने के पश्चात २००४ में राहुल गांधी ने राजनीति में प्रवेश का निर्णय लिए. ये वो वक्त था जब उनकी माँ सोनिया गांधी ने कांग्रेस को नेपथ्य में जाने से बचा कर सत्ता में  पुनः वापसी दिलाई. २००४ के चुनाव में राहुल गांधी पहली बार संसद पहुंचे.

राहुल गाँधी ने पारंपरिक राजनीति से अलग राजनीति का मार्ग चुना, उन्होंने अपनी राजनीति को संसद से अधिक उन उपेक्षित परिवारों से आरम्भ किया, गाँवों में दलितों एवं किसानों के घरों में भोजन कर, रात बिता, उन्होंने ये साबित किया की वे ख़ास परिवार से  होने के बावजूद आम आदमी हैं, एवं आम आदमी का दर्द समझते हैं, और ये बुंदेलखंड से ले कर भट्टा परसौल तक साबित हुआ.

राहुल गांधी एक नयी सोच के साथ भारतीय राजनीति में अपना स्थान बनाने लगे. मगर उनकी इस नयी सोच का भारतीय रूढ़िवादी राजनीति में भय व्याप्त हो गया. भारत के अधिकांश राजनैतिक धुरंधरों ने उनके इस प्रयास को विफल बनाने का बीड़ा उठा लिया. जहाँ उनके स्वयं के दल के नेताओं ने उनके हर प्रयास को विफल बनाने का बीड़ा उठाया वही उनके प्रतिपक्षी दलों ने उनके चरित्र हनन एवं व्यक्तिगत आक्षेपों का सहरा लिया, उनके सलाहकारों ने या तो उन्हें गलत सलाह दी या राजनितिक सुयोग को सही समय पर नहीं भांपा.

प्रतिपक्षी और विशेष कर भारतीय जनता पार्टी एवं उससे जुड़े संगठनों ने अनेकों ऐसे चालों का सहारा लिया जिसे किसी भी सभ्य एवं परिपक्व लोकतंत्र में उचित नहीं ठहराया जा सकता, कभी उनकी शिक्षा पर उंगलियाँ, कभी उनके सुरक्षा कारणों से धारण किये गए छद्म नाम से उन्हें इटली का नागरिक साबित करने प्रयत्न, कभी तस्वीरों में छेड़छाड़ कर उनके परिवार को भ्रष्ट बताने का प्रयत्न तो कभी उनकी माँ पर अनर्गल एवं ऐसे घृणित आरोप, जिनका मैं अपने ब्लॉग में उल्लेख भी नहीं कर सकता.

हद तो तब हो गयी जब उनपर झूठा बलात्कार का आरोप लगाया गया, जिसे स्थानीय न्यायालयों से ले कर उच्चतम न्यायालय तक ने नकार दिया, यही नहीं याचिकाकर्ता पर झूठे आरोप लगाने एवं चरित्र हनन के प्रयत्न पर जुर्माना भी लगा दिया. परन्तु इन दक्षिणपंथी दलों के प्रयास रुके नहीं, अनेकों संघ समर्थन वाली वेबसाइट पर इस झूठे आरोप को जोर शोर से उठाया गया. मूल रूप से इन दलों ने “झूठ बोला, जोर जोर से बोला, तब तक बोला जब तक कुछ लोग उस झूठ को सच नहीं मान सके”.

एक स्वस्थ राजनीति की शुरुआत करने वाले राहुल गांधी की राजनीति उनके स्वयं के दल को भी पसंद नहीं आई, दशकों से सत्ता एवं शक्ति का सुख भोग रहे, कांग्रेस के बड़े नेताओं को राहुल गांधी की नयी राजनीति से अपनी व्यक्तिगत सत्ता खिसकती नजर आई, इसी कारण इन्होने राहुल गांधी के हर प्रयास को विफल किया.

राहुल गांधी ने कांग्रेस में बदलाव का आगाज करते हुए आतंरिक चुनावों की घोषणा की, कांग्रेस के कुछ संगठन इसका पालन भी करते नजर आये, परन्तु इस प्रयोग को कांग्रेस के ही तथाकथित वरिष्ठ जनों ने विफल कर दिया. प्रदेशों में राहुल गांधी की पसंद के युवा नेताओं को अध्यक्ष बना कर एकाधिकार देने के प्रयत्नों को विफल कर दिया गया. चुनाव दर चुनाव हारने का बाद भी प्रदेश अध्यक्षों को नहीं बदल पाए राहुल गांधी.

राहुल गांधी कांग्रेस में एक नयी परंपरा का आरम्भ करने का प्रयास भी हार गए. राहुल गांधी ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को चुनावों में उम्मीदवार चुनने का अधिकार (primaries) देने का प्रयास किया परन्तु वो भी विफल.

ऐसा नहीं की राहुल गांधी ने राजनैतिक गलतियाँ नहीं की, चुनाव प्रचार में कांग्रेस की उपलब्धि और भविष्य की दिशा बताने से अधिक प्रधानमंत्री नरेंद मोदी की आलोचना एवं आरोप पर अधिक निर्भरता, निर्णय लेने में देरी एवं अक्षमता, अन्ना हजारे के नेत्रित्व वाले लोकपाल कानून के समर्थन एवं भ्रष्टाचार विरोधी जन आन्दोलन को सही समय एवं सही तरीके से नहीं नियंत्रण नहीं कर पाना जैसी अनेक विफलताएं उनके ही खाते में हैं.

जी नहीं, राहुल गांधी कांग्रेस के लिए अभिशाप नहीं हैं, बल्कि राहुल गांधी वर्तमान में कांग्रेस की निति, कांग्रेस की विचारधारा, कांग्रेस की दिशा को जीवित रखने की क्षमता रखने वाले एक मात्र कांग्रेस नेता हैं, कांग्रेस के लिए अभिशाप हैं वो कांग्रेसी जो कांग्रेस में रह कर कांग्रेस को दीमक की तरह खोखला कर रहे हैं. वो कांग्रेस नेता जो कांग्रेस के अधिक स्वयं के विषय में सोच रहे हैं.

राहुल गांधी पर लगातार हो रहे बेबुनियाद हमलों का जवाब देने में कांग्रेस के प्रवक्ता एवं नेता पूर्णतः विफल रहे. गांधी परिवार एवं राहुल गांधी की भक्ति में लीन कांग्रेस के अति उत्साही युवा कांग्रेसीयों ने राहुल भक्ति में तो कोई कसर नहीं छोड़ी मगर राहुल गांधी को हंसी का पात्र एवं पप्पू के नाम से विख्यात होने से नहीं रोक पाए.

हालाँकि राहुल गांधी की ये गलती तो है की वो ऐसे स्वार्थी तत्वों को कांग्रेस की मुख्यधारा से अलग नहीं कर पा रहे हैं, अति उत्साही कांग्रेस के युवा समर्थकों को सही दिशा नहीं दे पा रहे हैं. कांग्रेस का वर्तमान एवं भविष्य राहुल गांधी पर तो है वे अकेले कुछ नहीं कर सकते जब तक कांग्रेस में जिम्मेदार पदों पर आसीन नेता सही दिशा नहीं पकड़ेंगे. अब समय आ गया है की सबकी जिम्मेदारी तय की जाए और उस जिम्मेदारी का हिसाब हो. पुरस्कार और जुर्माना प्रणाली (Reward and Penalty system) अमल की जाए.

40 comments

  1. Superb article

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    1. Thank you Sir

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    2. मुकेश शर्मा · · Reply

      राहुल गाँधी सच्चे एवं ईमानदार नेता है इसलिए भ्रष्ट आचरण वाले राजनीति में उच्च पदों पर आसीन पक्ष एवं विपक्ष के नेता राहुल जी को असफल सिद्ध करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।

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  2. शानदार👍

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    1. Thank you Sir

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  3. ABHIMANYU SINGH · · Reply

    Superb

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  4. Nautanki koi inse sikhe
    Kahawat suna hoga
    Jab apne uper koi sankat aata hai to log bhagwan ko yaad karte hai
    Rahul gandhi bhi wahi hai vote nhi mila to garib log yaad aate hai

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  5. Rumeli kar · · Reply

    Ashirwad hai.Rahul ji k under hi Congress Hindustan ko bhrost sarkar se azadi dilayegi naya bhrost mukt Hindustan banega

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  6. Satyam chaturvedi · · Reply

    He is best

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  7. पप्पुओं की कमी नहीं देश मे 😂😂

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  8. S SHIVA SHANKER GOUD · · Reply

    Super sir Jai CONGRESS JAI

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  9. संजय · · Reply

    चाटुकारिता की पराकाष्ठा!

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  10. सही बात पर सबसे बडी गलती upaशासन मे राहुल जी द्वारा किया वायदा न पूराकर पाना कमल किशोर जैसे दललो को उुम्मीदवार बनाना !अनिर्णय की स्तिथ मे रहना अचानक सपा से गठबन्धन कर कायर्कता को निरास व अकर्मण्य बनाना आदि

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  11. ajay kumar verma · · Reply

    Rahul is great

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  12. Hindurav bharte · · Reply

    बेचारे को क्यों इस राजनीति में धकेल दिया। सिर्फ विरासत से मिली राजनैतिक सत्ता का क्या फायदा? काबिलियत तो होनी चाहिए। सिर्फ़ चमचोंकि टोली से पार्टी नही चलाई जाती। चंमचे भी कैसे जो अपने राज्य से लोगोंने बाहर किया हो। और दूसरे युवा नेता वो भी अपने बाप जादोंकी पुण्याई पे लटक रहे ऐसे लोंगोंकी । एक कहावत है जब कुँए में ही नही तो रहट में कैसे आएगा पानी।
    अगर एक सच्चे कांग्रेसियों को कांग्रेस का भला करना हो तो इस गांधी नाम के अभिशाप को दूर करना होगा।

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  13. Indiraji killed due to GoldenTempl issue, Rajiv killed due to Tamil issue. but I never heard that there is threat by these two group to Gandhi family.
    never our Intelligence point out this.
    so changing name for security reason is absolutely fake point. and by the way which degree he owned by changing name?
    thanks for such a clear cut article to show real face of Rahul Gandhi.

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  14. Gandhi pariwarse log ukta gaye hai

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  15. मनीष · · Reply

    राहुल गांधी चाहे दूरदृष्टा या उनमे नेतृत्व गुण हो या ना हो, परन्तु जिस परिवार में जन्म लिया है, उसके कारण प्रधानमंत्री की कुर्सी सहज ही प्राप्त थी, जो उन्होंने और उनके चमचों ने मिलकर बेवकूफी भरे राजनैतिक चाल के कारण गंवा दी. इस देश की जनता हज़ारों वर्षों से राजा, सल्तनत के अधीन रहने के कारण आज भी मानिसक रूप से गुलाम है और गोरी चमड़ी, अभिजात्य वर्ग को सहज ही अपने से अधिक सामर्थ्यवान समझती हुई उसे शासन सौंपने को तत्पर रहती है. अतः इस देश मे राहुल गांधी ही क्यों, राहुल गांधी का अगर 10 वर्षीय बेटा भी होता, तो उसे अपना शासक मानने में गुरेज़ नहीं करती. भारतीय आज भी मानते हैं कि एक शासक परिवार के यहाँ पैदा होनेवाला हर व्यक्ति शासन करने की क्षमता और योग्यता रखता है. इस देश मे, जहां चाणक्य ने एक साधारण व्यक्ति को चंद्रगुप्त मौर्य नामक सम्राट बना दिया, तब भी प्रतिभा, गुण की चर्चा की बजाय एक परिवार विशेष में जन्म लेना सबसे बड़ा गुण समझा जाता है. अतः इस देश का कुछ नहीं हो सकता.

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  16. जी नहीं। आपके आकलन से मैं सहमत नही हूँ। कांग्रेस में आंतरिक प्रजातंत्र की बहुत कमी है। जब किसी भी एक परिवार पर पार्टी की राजनीती केंद्रित होती है तो सफलता के समय कोई उंगली नहीं उठाता लेकिन निरंतर असफलता पर परिवारवाद की राजनीति पर उँगलियाँ उठना उचित है ।

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  17. Abdul Rashid Sheikh · · Reply

    Nice Rahul Gandhi is very innocent and honest a true spoken leader very soon Rahul Gandhi will be able to next PM India and he will running a good governance people can not forgotten his leadership after few years Rahul will be best PM on India

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  18. Sagar Chitte · · Reply

    आदरणीय पत्रकार जी जब राहुल गांधी भरी सभा मे फटा हुवा कुर्ता दिखाते हे तो वो किस एंगल से गरीब हे ये बात समझ नही आती शायद ये नोटंकी आप को नजर नही आई, JNU मे जा के उमर खालिद,कन्हिया कुमार को सपोर्ट करके देश विरोधी ताकतों का समर्थन करते हे शायद आप को दिखाई नही दिया. शायद आपने कांग्रेस का चश्मा से यह सब बातें देखी हो पर आप आम आदमी की सोच से कोसो दूर हो.

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    1. ब्लॉग पढ़ने का शुक्रिया, मैं पत्रकार नही एक साधारण सा ब्लॉगर हूँ, दिल की बात लिख कर साझा करता हूं, आपके विचारों का सम्मान, सहमति सहमति अलग बात

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  19. Ibrahim · · Reply

    Jo Is Desh me nafrat failate hai mandir maszid ki Rajniti kar samaj ko todhe hai. Des ki akhandta ko todhe hai. Hindu Muslim JO pehle Hindustani hai unme nafrat failate hai wo to is desh ke liye abhishap hai. Rahul nahi YE BJP wale mashkhare hai tarah tarah ke naam dekhar khilli udate hai. Kiya Is desh ko aise Netao ki jaroorat hai?

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  20. Sahil Dehlavi · · Reply

    शानदार लेख भैया

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  21. BAPI naik · · Reply

    Me agree nhi hun sir apk is baat se….. Mere khayal se sir hamare paas decision Lene ka process Ko thoda fast karna padega aur Jo party against kaam kar Raha he usko tyrant punished karna chahiye tav sabk Mann me party k liye Darr aur respect dono ek Sath rahega….. Aur ek baat sir….. Apne party chhod kr log kyun ja rahe he usko v thoda Dhyan me rakhna jaruri he sir…. Mujhe lagta he ki ap Dhyan me rakhe honge but hamare karta kartaon Ko v pata lagna chahye ap Naya kaunse ranniti Bana rahe he sir…… Jai hind jai Congress…….

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  22. Rahul Gandhi is very good, nice article

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  23. Rahul Gandhi came into politics in unsuitable time, that’s why he is ineffective. So please bring the face who can fit in current situation and uplift the Congress party after that Rahul Gandhi would be PM.

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  24. Keshab Chetry · · Reply

    कांग्रेस की नैय्या राहुल के सहारे पार नहीं होगी. मैं असम से हूँ और असम में आज बीजेपी सत्ता में है तो उसका जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ राहुल है. हिमंत बिश्वा सरमा जैसे कद्दावर नेता को समय और गुरुत्व न देना उनकी राजनितिक भूल थी. वो बीजेपी में चले गए और असम जैसे कांग्रेस के गढ़ में बीजेपी सत्ता में आई. राहुल इमानदार है, मेहनत करते हैं पर कुशल रणनीतिकार नहीं हैं. वो बोलते हैं तो उनमे अनाड़ीपन झलकता है. उनमे लीडरशिप क्वालिटी की कमी है और दल को बाँध पाने में असमर्थ रहे हैं. कांग्रेस के अच्छे नेता अन्य दलों में जा रहे हैं. कुछ भ्रष्ट नेताओं के चलते कांग्रेस रसातल में चली गई है.. उसे पुनर्जीवित करना है तो नेतृत्व परिवर्तन बहुत ज़रूरी है.
    जरुरत है दिग्विजय जी जैसे नेताओं को आखों से पट्टी उतरने की और सत्य को स्वीकारने की.

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  25. He is the man with lot of patience, few people in this world who sacrifice a lot of and he is the man who sacrifice his family as well as chair of power for nation I m sure one day his name will make history of our nation . My best wishes always with RAGA bhai.

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  26. विकाश · · Reply

    बहुत ही सादगी से शानदार बातें कह दी

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  27. Kumarswami Nyathani · · Reply

    Rahul Gandhi mostly honest politician with great future vision.

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  28. Kumarswami Nyathani · · Reply

    Rahul Gandhi mostly honest politician with great future vision

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  29. Suhail Sabir · · Reply

    Excellent write-up

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  30. पुष्कर स्वर्णकार · · Reply

    आपने ब्लॉग में लिखा है कि राहुल गांधी जवाहर लाल नेहरू के प्रपोत्र है आप थोड़ा सोच विचार कर समझकर लिखे वे नेहरू के प्रदोहित्र है भ्रांतियां नही फैलाये

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  31. CA Atul Agrawal · · Reply

    Very nice write-up. However I never heard about his dummy name matter. RSS and thier wings always against the Gandhis. Even they never like Mahatma Gandhi ji. They called Indira ji Goongi Gudia. All of us know how they appose Pandit ji Rajiv ji Sonia ji. Now with the support of industrialist-media house they are continuosly defaming Rahul Ji. Rahul ji weakness is that he told by heart and truth. For success you have to become pheku. Therefore I think at present Sonia ji must reunite and reunion the congress party as she is the most senior. Jai Hind.

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  32. Pitambar · · Reply

    Manish , very good article.One more point I would like to add – Media & opposition unnecessarily raise the matter of RG becoming PM & try to trap us & RG on the matter,repelling big chunk of youngs.I have no doubt in mind that If Cong comes to power,CWC will take a mature decision to make PC or other internationally renowned excellent administrator as PM,(you are seeing MODI even though having control over BJP, is not able to manage Indian economy.) or he will make team of ppl like RAJAN,NILEKANI & many.

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  33. विजय तिवारी · · Reply

    राहुल एक अच्छे इंसान है युवाओ के लिए भी कुछ करना चाहते है लेकिन वर्त्तमान में उनका समय सही नहीं है क्योंकि मोदी ने साम्प्रदायिकता का विष अच्छे से फैला रखा है और कांग्रेस इस झूटे आडम्बर को तोड़ने में विफल है

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  34. It is not proper to make joke of any individual.
    Many a timestime despite of every good effort things do not go in positive direction.
    Rahul Gandhi Ji after all is a very well mannered politician.

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    1. Sorry sir, I did not make any fun of RG else DVS would have never shared the blog Would appreciate if you read the blog and let me know where did I make fun of anyone.

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  35. राहुल गाॅधी जी के ईमानदार नियत का ही यह फल है की,हमारे देश के विकास को जो भ्रस्टराचार नामक जो दीमक खाता जा रहा था,वह दीमक अब धीरे धीरे समाप्त हो रहा है,,,,,,??
    और जिस आदमी के पुर्वजो ने ईस देश के लिये हॅसते हॅसते अपने प्राणो की भी कुर्बानी देने मे जरा भी देरी न की हो,ऐसे देशभक्तो का लहु ही उन्हे देश के लिये समर्पित होने की प्रेरणा देती है

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