मी लार्ड, आप तो बड़े दयालु हो

मी लार्ड आप तो बड़े दयालू हो, भारत की न्याय व्यस्था के सबसे बड़े रक्षक हो, आप ना हो तो भला अपराधियों पर दया कौन करे? दयानिधान आपकी दया की तो बात ही क्या करें, आपकी दया कोई अपराधियों का अपराध देख कर तो नहीं होगी ना, आपकी दया तो सब पर बराबर ही होगी, चाहे हो बलात्कारी हो, चाहे हो हत्यारा हो, या फिर कोई आतंकी. फिर वो अपराधी चाहे जेल से बाहर आ कर फिर किसी बच्ची का मानमर्दन करे.

आपकी दया के चर्चे तो विश्वभर में विख्यात है, फिर चाहे अपराधी सामूहिक बलात्कार का दोषी साबित हुआ हो, ह्त्या का अपराधी साबित हुआ हो, माई बाप आप तो मिसाल कायम करके रहोगे. आखिर दयानिधान जो हो आप.

मी लार्ड, आखिर ये बलात्कारी कैसे छूट जाते है? जब इनका अपराध साबित हो चुका है तो इनकी रिहाई कैसे संभव हो जाती है? क्या आपको इन पीड़ितों में अपना परिवार नहीं दिखता?

आपकी दया पर तो आपके चरण स्पर्श करने का मन होता है, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री सहित 14 लोगों के चीथड़े उड़ा देने वाली आतंकवादियों की पहले तो आप फांसी की सजा माफ़ कर देते हो, फिर आप उनको अच्छे चाल चलन के लिए जेल से आजाद कर देते हो. बताइये आपसे बड़ा करुणानिधान कोई और हो भी सकता है क्या? आप ही की दया का ये परिणाम है की आतंकवादी खुद को स्वतंत्रता सेनानी बोल रहे है

मदुरै सेंट्रल जेल से रिहा होने के बाद आरपी रविचंद्रन ने कहा, “समय और शक्ति निर्धारित करती है कि कौन आतंकवादी या स्वतंत्रता सेनानी है, लेकिन समय हमें निर्दोष के रूप में आंकेगा, भले ही हम आतंकवादी होने के लिए दोषी हों।”

जी हाँ रविचंद्रन बाबू, हम उत्तर भारत के लोग आपको पीड़ित ही समझेंगे, आतंकी तो हम उन 14 लोगो को समझेंगे जिनके आपने चीथड़े उड़ा दिया.

उत्तर भारत के लोगों को हमें हत्यारों के बजाय पीड़ित के रूप में देखना चाहिए”: राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी रविचंद्रन

अब सोनिया गाँधी तो अपने पति के प्रेम से और प्रियंका गाँधी, राहुल गाँधी को अपने पिता के प्रेम से वंचित रखा तो क्या? आखिर हक़ बनता है नलिनी का फांसी से बच कर जेल से आजाद हो कर अजात हवा में अपने पति और बेटी के साथ सुखमय जीवन यापन करने का, हमारे देश का कानून दयालू जो है.

रिहा होने के बाद मीडिया से बात करते हुए नलिनी ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता यूके में रहने वाली अपनी बेटी से उसके पति और सह-दोषी मुरुगन से मिलना है।

अब हमारी थोड़ी शंका भी दूर कर दीजिये. 14 लोगो की ह्त्या और 43 लोगो को घायल करने के अपराध की सजा क्या है? अपराध तो साबित हुआ था फिर उन्हें पूरी सजा क्यों नहीं मिली?

मी लार्ड, 7 बार फांसी का आदेश आने के बावजूद इन आतंकियों को जिनका अपराध आपकी अदालत में साबित हो चुका था फंसी पर नहीं लटकाया गया, इसे आपकी गलती मानी जाए या फिर कमजोरी?

मी लार्ड, आप कृपया उस बच्चो के लिए भी न्याय कर दीजिये जिसने छोटी सी उम्र में दादी के बाद पिता को आतंक की भेंट चढ़ते देखा, वर्षों तक सुरक्षा की दृष्टि से छिप पर विदेश में पढाई की, और इन बच्चो के पिता का अपराध क्या था? भारत के स्वर्णिम भविष्य की नींव रखना? भारतवासियों के लिए उज्जवल भविष्य की कामना करना?

मी लार्ड आप जसे दयानिधान से उस बिक्लिस बानो के लिए भी न्याय की उम्मीद रखना कोई ज्यादा आशा तो नहीं है जिसके साथ 11 लोगो ने बलात्कार किया, जिक्से परिवार को मार दिया गया, या फिर उन 14 लोगो के परिवारों के लिए न्याय की उम्मीद जिन्हें उन आतंकियों ने चीथड़े में बदल दिया जिन्हें आपने अच्छे चालचलन के आधार पर रिहा कर दिया?

मी लार्ड थोड़ा सा न्याय तो मुझे भी चाहिए, ये हंसी मुझे विचलित करती है, आखिर कैसे एक आतंकी खुली हवा में इस प्रकार हंस सकता है? भारत में इसे न्याय क्यों नहीं मिला? जी हाँ न्याय, जितनी जानकारी मुझे है भारतीय न्यायव्यवस्था की, 14 हत्याओं की आरोपी की सजा मौत से कम तो कुछ नहीं है.

मुझे तो इन आतंकियों को अपने किये का कोई पछतावा होता दिखता नहीं और जितनी मैंने जिंदगी देखी और समझी है, जब अपराधी को अपने किए का पछतावा ना तो कोई गारंटी नहीं होती की ये उस अपराध को फिर से नहीं करेंगे, फिर आपको इनका कौन सा चाल चलन अच्छा दिख गया जो आपने इनको 14 हत्यायों की सजा से मुक्त कर दिया?

मी लार्ड, बिक्लिस बानो के अपराधियों का स्वागत समारोह हो रहा है, अर्थात एक महिला के बलात्कार का सम्मान समारोह, और श्रीपेराम्ब्दूर के आतंकी टीवी पर इंटरव्यू दे रहे है, अपने पति और बच्ची के साथ सुखमय जीवन की कामना कर रहे है, आखिर ऐसा महान न्याय केवल आप ही कर सकते हो. करुणानिधान, आपके चरण नहीं तो अपने चरणों की फोटो ही भेज दीजिये, उसकी ही पूजा कर लेंगे हम भारत के लोग.

माईबाप हम कामना करते है की आपके सेवानिवृत्त होने के पश्चात आपको किसी बड़े आयोग में स्थान मिले, कहीं का राज्यपाल बनाया जाए, आपकी सदा ही जय हो इसी कामना के साथ, यदि आपकी शान में कोई गुस्ताखी हो गयी हो तो क्षमा कर दीजियेगा, हमें जेल में मत डाल दीजियेगा, हमने तो कोई बलात्कार भी नहीं किया और ना ही कोई हम आतंकी है, हमें तो अच्छे चाल चलन पर रिहाई भी नहीं मिलेगी

One comment

  1. Well articulated satire.

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